अंग्रेजी में एक शब्द है "You" जिसका हिंदी अर्थ 'तुम' भी होता है और 'आप' भी। जहाँ हिन्दी में अपने से बड़े , छोटे या समान उम्र के लोगों के लिए एक ही शब्द 'You' का इस्तेमाल किया जाता है वहीं तुम और आप में भावात्मक सम्बोधन का अंतर है।
व्याकरणिक दृष्टि से दोनों निजवाचक सर्वनाम है परंतु जहाँ 'तुम' एकवचन के लिए प्रयोग होता है और बहुवचन के लिए 'तुमलोग' का प्रयोग किया जाता है, वहीं 'आप' शब्द का प्रयोग एकवचन और बहुवचन प्रायः दोनों के लिए किया जाता है।
तुम अपने से छोटे या हमउम्रों के लिए और आप अपने से बड़े उम्र, ओहदे या आदरणीय लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है। आप सम्मानसूचक शब्द है और यह भारतीय संस्कृति की देन भी है और द्योतक भी। यह सम्मान को दर्शाता है। वहीं तुम मैत्री और अपनेपन का प्रतीक है। जितना अधिकार तुम पर हो सकता है उतना आप पर कभी नही। आप पर मुख्यतः आदर का भाव होता है। मैत्री या रिश्तों में तुम का सम्बोधन सम्बन्धों की प्रगाढ़ता को दर्शाता है अपने से छोटे उम्र वालों और हमउम्रों के साथ भी और कभी-कभार अपने से बड़े उम्र के लोगों और सामाजिक या आर्थिक स्तर पर स्वयं से अधिक प्रतिष्ठित लोगों के साथ भी।
आप के साथ सीमा होती है वहीं तुम किसी भी सीमा या बंधन से मुक्त होता है। आप में मर्यादा समाहित होती है और तुम में खुलापन होता है। आप से तुम तक का सफर दोनों के हृदय के बीच घटती दूरी को प्रदर्शित करता है। आप के साथ सामान्यतः सुख को बाँटा जाता है परंतु तुम के लिए सुख और दुःख दोनों के लिए रिक्तता होती है, दोनों के लिए स्थान होता है। जिस बात को आप के साथ साझा करने में मन को झिझक का सामना करना पड़ता है , उसी बात को तुम के साथ बेधड़क साझा किया जा सकता है।